ABSTRACT:
ग्रामीण क्षेत्र में कालिक बाजार केन्द्रों की अर्थव्यवस्था में एक भूमिका है। बाजार केन्द्र के आकार का निर्धारण परिवहन, बाजार ग्राम में सेवा केन्द्रों की संख्या तथा सुविधाओं की आधार निर्भर करता कालिक बाजार केन्द्र में वस्तु व सेवा के आधार पर लघु अथवा वृहद् दोनों आकार का होता है। बाजार केन्द्रों की आकारिकी सभी बाजार ग्राम को अलग-अलग प्रतिरूप को दर्शाया जाता है। बेमेतरा जिला के कालिक बाजार में विक्रेता के दैनिक उपयोगी वस्तुएँ क्रेता की आवश्यकता के अनुसार बेचने हेतु लाते है। बाजार के आकार का प्रभाव भौतिक एवं सांस्कृतिक पहलुओं पर होता है। कालिक बाजार केन्द्रों की आकारिकी प्रधान मुख्य सड़क मार्ग, मंदिर, तलाब के चारो ओर अधिवास के मध्य, या अधिवास के समीप मैदानों क्षेत्र में बाजार स्थित होता है। ग्रामीण कालिक बाजार केन्द्रों मेंविक्रेता एवं सेवा प्रदान करने वाले का पुरूषों की तुलना में महिलाओं का प्रतिशत अल्प है। बेमेतरा जिला के कालिक बाजार केन्द्रों में विक्रेता का शैक्षणिक स्तर सर्वाधिक माध्यमिक स्तर की 32.83 प्रतिशत सर्वाधिक है तथा न्यूनतम स्नातक स्तर पर 1.31 प्रतिशत है। बेमेतरा जिला में प्रति बाजार औसत किराया भुगतान 29.05 रूपयें है।बेमेतरा जिला के व्यापारी की प्रकृतिमें स्थानीय विक्रेता का 82.55 प्रतिशत तथा बाहरी 17.45 प्रतिशत है।कालिक बाजार केन्द्र में सर्वाधिक नीलामी (150000 रूपयें) सरदा बाजार है तथा इसके विपरीत न्यूनतम नीलामी (35000 रूपयें) पदुमसरा व अमलीडीह में है।बेमेतरा जिला में बाजार केन्द्र दिवस में गुरूवार का दिन बाजार की संख्या अधिक तथा शनिवार बाजार की संख्या कम है। बाजार दिवस के आधार पर बाजार केन्द्रो में बाजार चक्र में परिवर्तन होता है।
Cite this article:
डुमन लाल. बेमेतरा जिला में कालिक बाजारों का आकार एवं सेवा क्षेत्र Periodic Markets of Size and Service Area in Bemetara District. जनजातीय भूगोल. 120-130.DOI: https://doi.org/10.52711/book.anv.tribalgeography-11
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