Book

जनजातीय भूगोल
Tribal Geography

Subject Area: Geography
Pages: 182
Published On: 15-May-2025
Online Since: 10-Oct-2025

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Author(s): शैलेन्द्र कुमार

Email(s): shailverma48@gmail.com

Address: डॉ शैलेन्द्र कुमार
सहायक प्राध्यापक, मानवविज्ञान, पं. रविशंकर शुक्ल विष्वविद्यालय, रायपुर, (छत्तीसगढ़)
*Corresponding Author

Published In:   Book, जनजातीय भूगोल

Year of Publication:  May, 2025

Online since:  October 10, 2025

DOI: 10.52711/book.anv.tribalgeography-17  

ABSTRACT:
भौतिक एवं अभौतिक संस्कृति में परिवर्तन एक समान नहीं होती है। इस संबंध में आगबर्न का कथन है कि भौतिक संस्कृतिक में अभौतिक संस्कृति के अपेक्षाकृत तेज और अधिक परिवर्तन होता है जिसे उन्होने सांस्कृतिक विलंबना का नाम दिया है। जनजातीय समुदाय के भौतिक संस्कृतिक के अपेक्षाकृत अभौतिक संस्कृति अधिक प्रभावी होती है। जनजातीय समुदाय की आर्थिक गतिविधियों को एक सामान्य क्रम के रुप में प्राप्त होता है जो है षिकार एवं खाद्य संग्रहण, मतस्यमारण, पषुपालन, स्थानांतरित कृषि, स्थायी कृषि, अस्थायी कृषि, स्थायी कृषि, कास्तकारी इत्यादि। उपरोक्त सभी आर्थिक गतिविधियों में परिवर्तन आ रहा है। वर्तमान समय में जनजाति के राजनैतिक व्यवस्था दो तंत्र प्रतिनिधित्व करते हैं- जनजाति/मुखिया तंत्र, राज्य अतः विभिन्न प्रक्रियाओं ने जनजातीय संस्कृति को परिवर्तित कर दिया, हा्स कर दिया यह कहना तर्कसंगत नहीं है।


Cite this article:
शैलेन्द्र कुमार. जनजातीय समुदाय में परिवर्तन: कारक एवं परिणाम. जनजातीय भूगोल. 178-182.DOI: https://doi.org/10.52711/book.anv.tribalgeography-17


References not available.




Author/Editor Information

डॉ. शैलेन्द्र कुमार

सहायक प्राध्यापक, मानवविज्ञान अध्ययनशाला पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़

डॉ.टिके सिंह

सहायक प्राध्यापक भूगोल अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर (छ.ग.)